|| अथ मंगलाचरण ||

गरीब नमो नमो सतपुरुष कूं, नमस्कार गुरु कीन्ह ही | सुर नर मुनिजन साधवा, संतों सरबस दीन्ह हीं || १ ||

सतगुरु साहिब संत सब, दण्डौतं प्रणाम | आगे पीछे मध्य हुए, तिन कूं जां कुरबान || २ ||

निराकार निरविषम, काल जाल भय भंजनं | निरलेपम निज निर्गुणं, अकल अनूप बेसुन्न धुन्न || ३ ||

सोहं सुरति समापतं, सकल समाना निरतले | उजल हिरम्बर हरदमं, बे प्रवाह अथाह है, वार पार नहीं मध्यतं || ४ ||

गरीब जो सुमिरत सिद्धि होई, गणनायक गलताना | करो अनुग्रह सोई, पारस पद प्रवाना || १ ||

आदि गणेश मनाऊं, गण नायक देवन देवा | चरण कमाल ल्यौ लाऊं, आदि अंत करहुं सेवा || २ ||

परम शक्ति संगीतं, रिद्धि सिद्धि दाता सोई | अवगत गुनह अतीतम्, सत पुरुष निरमोही || ३ ||

जगदम्बा जगदिसम् , मंगल रूप मुरारी | तन मन अरपुं शिषम् , भक्ति मुक्ति भंडारी || ४ ||

सुर नर मुनि गण ध्यावें, ब्रह्मा विष्णु महेशा | शेष सहंस मुख गावैं, पूजें आदि गणेशा || ५ ||

इन्द्र कुबेर सरीखा, वरुण धर्मराय ध्यावें | सुमरत जीवन जीका, मन इछ्या फल पावें || ६ ||

तेंतीस कोट अधारा, ध्यावें सहंस अठासी | उतरें भौ जल पारा, कटी है जम की फाँसी || ७ ||

||सत साहिब ||

     

 
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